बदायूं के ओज के प्रख्यात कवि डॉ उमाशंकर राही की नवीन कृति "जीवन के रंग दोहों के संग" की रचना एक नए प्रकार से की है| उन्होंने दोहों में एक नया प्रयोग किया है, जो सम्भवतः पहले किसी ने नहीं किया है। पुस्तक में 360 दोहे हैं, जिसमें पहले दोहा जिस शब्द पर समाप्त होता है, दूसरा दोहा उसी शब्द से प्रारंभ होता है । दोहों में इस प्रकार की पहली पुस्तक है। दोहा कृति का लोकार्पण हिंदी फिल्मों की सुपरस्टार ड्रीम गर्ल के रूप में पहचानी जाने वाली सिने अभिनेत्री श्रीमती हेमा मालिनी के द्वारा उनके निवास पर किया गया| लोकार्पण करते हुए हेमा मालिनी ने कहा कि कृति "जीवन के रंग -दोहों के संग" में एक नया प्रयोग किया गया है| डाॅ राही ने साहित्य जगत में एक नई कृति प्रदान की है। जिसे उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के द्वारा प्रकाशित किया गया है । वरिष्ठ कवि राम बहादुर "व्यथित " ने कहा कि कविवर उमाशंकर राही द्वारा रचित 360 दोहों का संग्रह एक रसशिक्त और प्रेरणादायक दोहा संग्रह दोहा संग्रह है| इसकी मौलिक विशेषता है कि प्रत्येक दोहा जिस शब्द पर समाप्त होता है, दूसरा दोहा इसी शब्द से प्रारंभ होता है| राही की यह विशिष्ट काव्य प्रतिभा परिचय में आई है ।
गीतकार एवं समीक्षा महेश मित्र ने कहा कि राही जी विशेष प्रतिभा के धनी है उनकी दो पुस्तक पहले प्रकाशित हो चुकी हैं "सच्चे पातशाह" और "चमकौर का युद्ध" यह उनकी तीसरी कृति है उनका दोहा संग्रह एक नई पहचान लेकर आया है ।
देश के वरिष्ठ कवि आगरा के रामेंद्र मोहन त्रिपाठी ने कहा कि रहीम के दोहे तो जनता में उदाहरण के रूप में व्यवहारिक माने जाते हैं, जो जीवन की गाथा से जुड़े हुए हैं। राही जी के दोहे लगभग उसी कोटि में गणित होगें।
मथुरा से डॉक्टर रमाशंकर पांडेय ने कहा है कि इस संग्रह में कवि राही ने एक नूतन किन्तु दुरुह प्रयोग किया है| यह उनकी नवीन शैली चमत्कृत करती है।
इस अवसर पर जनपद के कवियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाईयाँ दीं| वहीं देश के वरिष्ठ कवि शिव ओम अंबर फर्रुखाबाद से मोहनलाल मोही वृंदावन, देवी प्रसाद गौड़ एवं शशि पाठक ने मथुरा से बधाइयां दी हैं। लोकार्पण के समय विपिन मुकुट वाले, आचार्य कृष्ण कार्तिकेय, पवन गौतम आदि उपस्थित रहे।