वृंदावन| वात्सल्य ग्राम के अधिष्ठात्री वात्सल्य मूर्ति भगवान राम की परम भक्त साध्वी ऋतंभरा चांदी के कलशो में यमुना जल एवं ब्रजरज लेकर के अयोध्या रवाना हुई ।
इस अवसर पर रजत कलशों का सर्व मंगला माँ के मंदिर में पूजन-अर्चन किया गया साध्वी ऋतम्भरा ने शीश पर कलश धारण कर भजन कीर्तन करते हुए शोभा यात्रा निकाली जिसमें भगवा पताकाओं के मध्य कृष्णा ब्रह्म रतन विद्यामंदिर की बेटियां घोष बजा रही थीं समविद्गुरुकुलम् की बेटियों सैन्य वेश में रूट मार्च करती हुई चल रही थीं।
कीर्तन मंडल श्री राम नाम के भजन गाते हुए आगे-आगे चल रहा था । साध्वी ऋतंभरा की शिष्य- शिष्याएं मस्ती में नृत्य करते हुए आगे -आगे जय श्री राम के नारे लगाते हुए आगे -आगे चल रही थीं। स्थान-स्थान पर पुष्प वर्षा द्वारा दीदी माँ जी का स्वागत किया गया । सैकड़ो नर- नारियों ने उल्लास के साथ साध्वी ऋतंभरा को अयोध्या के लिए विदा किया ।
उनके साथ संजय भैया, साध्वी सत्यप्रिया साध्वी सुह्रदया, स्वामी सत्यशील, स्वामी सत्यश्रवा, साध्वी समनविता, साध्वी सत्यकीर्ति, साध्वी सत्य श्रद्धा, साध्वी सत्य व्रता, साध्वी सत्यनिधि, साध्वी सत्यमूर्ति ,साध्वी साध्या, साध्वी सत्यध्वनि आदि दीदी माँ जी का सानिध्य मिला है। आयोजन का संयोजन सीता परमानंद ने किया इस अवसर पर समविद्गुरुकुलम् की डायरेक्टर सुमनलता परमानन्द, श्रीमती कल्याणी दीक्षित, शिशुपाल सिंह,बालजी चतुर्वेदी, देवी सिंह सोलंकी,श्रीमती अनीता चतुर्वेदी, मीनाक्षी अग्रवालआदि उपस्थित रहे कलशों का पूजन आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री भागवत आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने किया।